जीवन में सद्व्यवहार का महत्व Motivational
जीवन मे अच्छे व्यवहार और आचरण का बहुत बड़ा महत्व है। हमारे व्यवहार से ही हमारे आचरण का पता चलता है। हम सभी को अपना व्यवहार इस प्रकार रखना चाहिए जिससे सामने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार का कष्ट ना पहुंचे। एक अच्छा व्यवहार सामाजिक नियमों के दायरे के अंदर ही होता है।
हमारे व्यवहार मे संगति और संस्कारों का असर देखने को मिलता है हमारी जैसी संगति होगी हमारा व्यवहार भी वैसा ही होगा। दूसरों से अच्छे व्यवहार की अपेक्षा करने से पहले हमे खुद दूसरों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
किसी व्यक्ति के द्वारा किए गए अच्छे व्यवहार से उसकी एक अलग पहचान बनती है। हमारे व्यवहार का प्रभाव हमारे जीवन के सभी पहलुओं पर पड़ता है। आप किसी भी क्षेत्र से संबंध रखते हों कुछ भी करते हों सद् व्यवहार की भूमिका हर जगह होती है। सद् व्यवहार सफलता की ओर ले जाता है।
व्यवहार मे सादगी और शालीनता होनी चाहिए। सद् व्यवहार से किसी को कोई नुकसान नहीं होता बल्कि सद् व्यवहार से आप का व्यक्तित्व निखरता है। आपके अच्छे व्यवहार से लोगो के अंदर आपके लिए प्रेम और इज्जत बढ़ती है।
प्रेरणादायक कहानी
एक व्यक्ति था जिसका व्यवहार लोगो के प्रति बिलकुल भी अच्छा नहीं था। धीरे-धीरे लोगों ने उससे दूरी बना ली। एक वक्त ऐसा आ गया कि लोग उसको देखते ही उससे दूर भागने की कोशिश करते। कहीं ना कहीं उसको भी यह बात समझ आने लगी थी कि उसके व्यवहार की वजह से लोग उससे दूर भागते हैं। लेकिन उसे कोई समाधान नहीं दिखाई दे रहा था कि कैसे अपने व्यवहार मे सुधार करे।
वह पास मे रहने वाले एक साधू के पास जाता है।
साधू - कहो, कैसे आना हुआ?
व्यक्ति – बाबा मैं बहुत परेशान हूँ। मेरी परेशानी का कारण मेरा व्यवहार है। लोगो के प्रति मेरे गलत व्यवहार की वजह से अब लोग मुझसे बात करना पसंद नहीं करते। लेकिन बाबा आप इतना शांत कैसे रहते हो, आप का व्यवहार इतना अच्छा कैसे है?
साधू – हमारे व्यवहार पर हमारा ही नियंत्रण होता है हम अपने किए हुए व्यवहार के लिए स्वयं ही जिम्मेदार होते।
व्यक्ति – बाबा मैं अपना व्यवहार बदलना चाहता हूँ लेकिन मैं ऐसा कर पाने मे असमर्थ हूँ।
साधू – बेटा तुमने बहुत देर कर दी है अगर मैं तुम्हें कोई समाधान बताऊंगा तो उसका कोई फायदा नहीं।
व्यक्ति – क्यों बाबा ?
साधू – अब तुम्हारे जीवन के कुछ ही दिन शेष बचे हैं। एक माह बाद तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी।
यह सुनकर व्यक्ति बहुत मायूस होता है और वहाँ से चला जाता है। व्यक्ति सोंचता है कि अब उसके पास एक महीने का समय है और इसे वह व्यर्थ नहीं होने देगा। अब वह लोगो से प्रेम से बात करता उनकी इज्जत करता। वह उन सभी लोगो के घर जाता जिनको उसके व्यवहार से परेशानी हुई थी और उनसे माफी मांगता। धीरे-धीरे एक माह का समय बीतने को था। व्यक्ति सोंचता है, चलकर आखिरी बार उस साधू से मुलाक़ात कर ली जाये और वह साधू के पास जाता है साधू की कुटिया पर पहुँचकर वह साधू को प्रणाम करता है।
व्यक्ति - बाबा अब जीवन के कुछ ही दिन शेष बचे हैं मैंने सोचा चलो आखिरी बार आपसे मुलाक़ात कर लूँ। और बाबा मेरे व्यवहार मे भी परिवर्तन आ गया है मैंने हर उस व्यक्ति से माफी मांगी जिसको मेरे व्यवहार से तकलीफ हुई थी।
साधू – मुस्कुराते हैं
तुमने मुझसे पूंछा था कि मेरा व्यवहार अच्छा कैसे रहता है उसका कारण यह है कि मैं जानता हूँ कि हर इंसान कि मृत्यु निश्चित है मरने के बाद इंसान अपने व्यवहार की वजह से ही याद किया जाता है। हमें कब इस दुनिया को छोड़ कर जाना पड़े हमे नहीं पता होता। इंसान न कुछ लेकर आता है न कुछ लेकर जाएगा धरती पर जो कुछ है उसका व्यवहार ही है। मैंने तुम्हें सही मार्ग पर लाने के लिए तुमसे ऐसा बोला था कि तुम्हारी मृत्यु एक माह बाद हो जाएगी।
अब वह व्यक्ति बाबा की बातों को गंभीरता से समझ चुका था। वह बाबा को प्रणाम करता है और खुश होकर घर के लिए चल देता है।
दुनिया मे प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है हर क्षेत्र मे आपको प्रतिस्पर्धा देखने को मिल जाएगी। हर इंसान अपने जीवन मे सफल होना चाहता है। कुछ इंसान ऐसे होते हैं जो कामयाबी पाने के लिए अपने आचरण और सद् व्यवहार को पीछे छोड़ देते हैं। सत्य तो यह भी है कि हम सद् व्यवहार को अपनाकर भी कामयाबी प्राप्त कर सकते हैं और इस प्रकार से मिली कामयाबी का एक अलग ही आनंद होता है।
महत्वपूर्ण ध्यान देने योग्य:
हमारा 'व्यवहार' कई बार हमारे 'ज्ञान' से अधिक 'अच्छा' साबित होता है। क्योंकि जीवन में जब 'विषम' परिस्थितियां आती हैं तब ज्ञान 'हार' सकता है परन्तु 'व्यवहार' से हमेशा 'जीत' होने की 'संभावना' रहती है।
ज़िंदगी जीने का मक़सद होना जीवन के लिए अति आवश्यक होता है कोई भी मनुष्य किस बात को किस प्रकार से समझता है। ये उसकी मानसिकता तय करती है। कोई दूसरों की थाली से छीनकर खाने में अपनी शान समझता है। तो कोई अपनी थाली में से दूसरों को निवाला खिलाकर संतुष्ट होता है। सारा खेल संस्कारो, समझ और मानसिकता का ही है।
ख़ूबसूरती और दौलत के लालच में कभी अपना सद् व्यवहार ख़राब मत करना, क्योंकि दौलत दुनिया में ख़त्म हो जाएगी, ख़ूबसूरती मिट्टी में दफ़न हो जाएगी लेकिन तुम्हारा सद् व्यवहार, आख़िर तक तुम्हारे साथ जाएगा।
" समय " " सत्ता " " संपत्ति " और " शरीर " चाहे साथ दे ना दे, लेकिन....." स्वभाव " "सद् व्यवहार"
और " सच्चे संबंध " हमेशा साथ देते हैं...!!!!
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